
विद्यार्थी के पाँच लक्षण – Vidyarthi ke 5 lakshan
आप सभी भी अपने जीवन में कभी न कभी विद्यार्थी जरूर रहे होंगे इस दौरान आपने खूब अध्ययन भी किया होगा जिसके लिए आपने अनेक शुख सुविधाओं का त्याग भी किया होगा क्या आप जानते हैं की संस्कृत भाषा के विद्वानों के अनुसार विद्यार्थी में कौन – कौन से लक्षण होने चाहिए , चलिए जानते हैं..
विद्यार्थी – Student
विद्यार्थी ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो कोई चीज सीख रहा होता है वह किसी भी आयु का हो सकता है ।
विद्यार्थी दो शब्दों से बना होता है -“विद्या” + “अर्थी” जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘विद्या चाहने वाला’।
विद्यार्थी के पाँच लक्षण – Vidyarthi ke 5 lakshan
संस्कृत भाषा का एक प्रचलित श्लोक है जिसके अनुसार विद्यार्थी के पाँच लक्षण होने चाहिए
काकचेष्टा बकोध्यानं श्वाननिद्रा तथैव च।
अल्पहारी गृहत्यागी विद्यार्थी पंचलक्षणम्॥
अर्थात् विद्यार्थी के पाँच लक्षण हैं- कौए की तरह चेष्टा (सब ओर दृष्टि और त्वरित निरीक्षण क्षमता), बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह नींद (थोड़ा सा व्यवधान पर नींद खुल जाना ), अल्पहारी (कम भोजन करने वाला), गृहत्यागी (अपने घर और माता-पिता से दूर रहने वाला)।
उपरोक्त श्लोक के अनुसार विद्यार्थी के पाँच लक्षण निम्नलिखित हैं
- काक चेष्टा – कौए की तरह चेष्टा
- बकोध्यानं – बगुले की तरह ध्यान
- श्वाननिद्रा – कुत्ते की तरह नींद
- अल्पहारी – कम भोजन करने वाला
- गृहत्यागी – अपने घर और माता-पिता से दूर रहने वाला
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